राष्ट्रीय समाचार

राज्यों में हवाई सेवा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना

नागर विमानन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम.सिंधिया ने तेलंगाना और मेघालय के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम.सिंधिया ने तेलंगाना और मेघालय के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर उनके राज्यों में हवाई इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने और विभिन्न मामलों में तेजी लाने में के लिए उनसे व्यक्तिगत हस्तक्षेप का अनुरोध किया है।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री श्री के.चंद्रशेखर राव को पत्र लिखते हुए, श्री सिंधिया ने हैदराबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एचआईएएल) के लिए कंसेशन समझौते की अवधि के विस्तार के मुद्दे पर उनका ध्यान आकर्षित किया है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि हैदराबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के विकास, निर्माण, संचालन और रखरखाव के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारत सरकार और एचआईएएल के बीच 20 दिसंबर, 2004 को एक कंसेशन समझौता (सीए) हुआ था। समझौते के सेक्शन 13.7.1 के आधार पर मेसर्स एचआईएएल ने अपनी रियायत की अवधि को शुरुआत में तय 30 वर्ष से बढ़ाने का अनुरोध किया है। इसके तहत कंपनी ने 23 मार्च, 2038 से अगले 30 वर्ष यानी 23.03.2068 तक रियायत बढ़ाने का अनुरोध किया है। ऐसे में राज्य सरकार से अनुरोध है कि वह कंसेशनल समझौते की अवधि के विस्तार के लिए एचआईएएल के अनुरोध का फिर से निरीक्षण करे और नागरिक उड्डयन मंत्रालय को अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करे।

श्री सिंधिया ने इसके अलावा वारंगल हवाई अड्डे के संचालन और क्षेत्रीय संपर्क योजना (आरसीएस)-उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) के तहत उसे शामिल करने के मामले को भी रेखांकित किया है। उन्होंने लिखा है कि वारंगल हवाई अड्डा एचआईएएल से 150 किमी की हवाई दूरी के भीतर स्थित है और इसे आपसी सहमति के आधार पर विकसित किया जा सकता है। इस संभावना की तलाश एचएआईएल और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के साथ तेलंगाना राज्य मिल कर सकते हैं।

इसी तरह, श्री सिंधिया ने तुरा हवाई अड्डे के शीघ्र संचालन में मेघालय के मुख्यमंत्री श्री कोनराड के संगमा से उनके व्यक्तिगत हस्तक्षेप का अनुरोध किया है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने हवाई यात्रा को आम जनता के लिए सस्ती बनाकर देश में अनारक्षित और कम उड़ान सर्विस वाले हवाई अड्डों से क्षेत्रीय हवाई संपर्क बढ़ाने के लिए आरसीएस-उड़ान योजनाओं की शुरूआत की है। तुरा हवाई अड्डा अनारक्षित हवाई अड्डों की अस्थायी सूची में शामिल है। विशेष दौर की बोली 4.1 में दो आरसीएस मार्गों यानी शिलांग से तुरा वीवी और गुवाहाटी से तुरा वीवी के लिए हेलीकॉप्टर संचालन के लिए बोलियां प्राप्त हुई हैं और इसे योजना के प्रावधानों के अनुसार जल्द ही अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है।

उन्होंने निम्नलिखित मुद्दों पर श्री संगमा का ध्यान आकर्षित किया है:

  • तुरा हवाई अड्डे के अधिग्रहण के लिए मेघालय सरकार द्वारा भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) को अनुरोध करने पर, एएआई ने 2013 में राज्य सरकार को एक मसौदा पत्र भेजा था।
  • उसके बाद, एटीआर-72 प्रकार के विमानों के संचालन के लिए हवाई अड्डे के विस्तार और विकास के लिए, एएआई ने 12.06.2017 को पत्र के माध्यम से राज्य सरकार को 56.5 एकड़ भूमि और 183.63 करोड़ रुपये की विकास लागत के साथ अधिग्रहण का एक डीपीआर प्रस्ताव भेजा था। राज्य सरकार ने 18.08.2020 को पत्र लिखकर यह बताया कि सर्वेक्षण पूरा हो गया है और अड़चनें हटाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। उसके बाद एएआई ने 18.09.2020 को पत्र लिखकर राज्य सरकार से मौजूदा बुनियादी ढांचा,जमीन, वित्त, यातायात मांग और एक्शन प्लान के बारे में अतिरिक्त जानकारी मांगी थी।
  • हवाई सुरक्षा आवश्यकता को देखते हुए, 240 मीटर x 60 मीटर के रनवे एंड सेफ्टी एरिया (आरईएसए) के प्रावधान की सिफारिश की गई है और सिटी साइड इंफ्रास्ट्रक्चर, रनवे एक्सटेंशन के साथ फेज-1 में सिंपल एप्रोच लाइटिंग (एसएपीएल) के साथ वीएफआर ऑपरेशन भी प्रस्तावित है। इसलिए 68.5 एकड़ अतिरिक्त भूमि का अधिग्रहण करने की जरूरत है। इस प्रकार, चरण-I में हवाई अड्डे के विकास के लिए 125 एकड़ भूमि क्षेत्र को अधिग्रहित करने और एएआई को सौंपने की जरूरत है, जिसके लिए सभी जरूरी कार्रवाई और उसकी कीमत मुफ्त है।
  • इसके अलावा, आईएलएस और सीएटी-1 प्रकाश व्यवस्था के साथ आईएफआर संचालन के लिए, राज्य सरकार के जरिए 115 एकड़ की अतिरिक्त भूमि आरक्षित की जा सकती है।

 

सितंबर से 17 सितंबर, 2021 तक शिक्षक पर्व 2021 का आयोजन होगा

अतिरिक्त सचिव, स्कूली शिक्षा श्री संतोष कुमार सारंगी, संयुक्त सचिव श्री आर. सी. मीणा और संयुक्त सचिव श्री विपिन कुमार ने आगामी राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार और शिक्षक पर्व पर आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया।

श्री मीणा ने बताया कि राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद 5 सितंबर, 2021 को वर्चुअल माध्यम से 44 पुरस्कार विजेताओं को पुरस्कृत करेंगे। 44 पुरस्कृत शिक्षकों में हरेक पर एक वृत्तचित्र भी दिखाया जाएगा। उन्होंने बताया कि भविष्य के युवाओं के साथ ही मस्तिष्क को आकार देने में शिक्षकों की उत्कृष्टता और प्रतिबद्धता को सम्मान देने के लिए पहली बार वर्ष 1958 में राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कारों की शुरुआत की गई थी। उन्होंने कहा किये पुरस्कार प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में काम कर रहे प्रतिभाशाली शिक्षकों को सार्वजनिक रूप से सम्मान देने के लिए पुरस्कार दिए जाते हैं।

श्री विपिन कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 7 सितंबर, 2021 को पूर्वाह्न 11 बजे शिक्षा से जुड़े शिक्षकों, विद्यार्थियों, अभिभावकों और हितधारकों को संबोधित करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री, विभाग की पांच पहलों का शुभारम्भ करेंगे, जिनमें 10,000 शब्दों का भारतीय सांकेतिक भाषा शब्दकोष, टाकिंग बुक्स (नेत्रहीनों के लिए ऑडियो बुक), सीबीएसई का स्कूल क्वालिटी एसेसमेंट एंड एक्रीडिएशन फ्रेमवर्क (एसक्यूएएएफ), निपुण भारत के लिए निष्ठा टीचर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम और विद्यांजलि पोर्टल (स्कूल विकास के लिए शिक्षा स्वयंसेवकों/दानदाताओं/सीएसआर अंशदाताओं की सहूलियत के लिए) शामिल हैं। इस कॉनक्लेव में मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान, शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी, शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार और शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह शामिल होंगे।

श्री विपिन कुमार ने कहा कि उद्घाटन समारोह के 17 सितंबर, 2021 तक वेबिनार, चर्चा, प्रस्तुतीकरण आदि होंगे, जिनमें देश के विभिन्न स्कूलों के शिक्षा विशेषज्ञों को अपने अनुभव, सीख और भविष्य के रोडमैप साझा करने के लिए आमंत्रित किया गया है। उल्लेखनीय है कि दूरदराज के स्कूलों से आए शिक्षक और प्रैक्टिसनर्स स्कूलों में गुणवत्ता और नवाचार से संबंधित मुद्दों पर बात करेंगे। संबंधित राज्यों के एससीईआरटी और डायट भी हर वेबिनार में आगे आकर विचार विमर्श करेंगे और रोडमैप साझा करेंगे, जिन्हें स्टेट एससीईआरटी द्वारा समेकित किया जाएगा। उन्होंने कहा किइसे एनसीईआरटी को साझा किया जाएगा और पाठ्यक्रम फ्रेमवर्क व शिक्षक प्रशिक्षण मॉड्यूल के लिए इनपुट उपलब्ध कराए जाएंगे।