शिमला। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और आयुर्वेद मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कहा कि प्रदेश सरकार डॉक्टरों की मांगों के प्रति हमेशा संवेदनशील रही है और पौने पांच वर्षों के दौरान उन्हें विभिन्न लाभ और सुविधाएं प्रदान करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं।
आज यहां हिमाचल आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी संघ (एचएएमओए) के साथ संघ की विभिन्न मांगों पर एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए डॉ. राजीव सैजल ने कहा कि आयुष चिकित्सकों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश के लोगों को जमीनी स्तर तक गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करवाने में आयुर्वेदिक चिकित्सक अमूल्य योगदान दे रहे हैं। सरकार ने भारत की प्राचीन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति को लोकप्रिय बनाने के लिए अतिरिक्त प्राथमिकता दी है और नए आयुष स्वास्थ्य केंद्र खोलकर तथा डॉक्टरों एवं पैरा-मेडिकल स्टाफ के पद भरकर विभाग को मजबूत किया गया है।
इस अवसर पर संघ के पदाधिकारियों ने स्वास्थ्य मंत्री से आयुष चिकित्सकों को प्रारंभिक प्रवेश स्तर पर एलोपैथिक, दंत चिकित्सा और पशु चिकित्सकों के समान ही संवर्ग सेवाओं में शामिल करने का आग्रह किया। उन्होंने आयुष चिकित्सा अधिकारियों की अंतिम वरिष्ठता सूची जारी करने, सेवानिवृत्ति की आयु में वृद्धि और स्नातकोत्तर नीति सहित कई अन्य मुद्दों को भी स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष उठाया।
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डॉ. राजीव सैजल ने संघ के पदाधिकारियों को आश्वासन दिया कि उनकी सभी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा और समयबद्ध तरीके से उचित निर्णय लिया जाएगा।
बैठक में संघ के अध्यक्ष डॉ. शिव गौतम, महासचिव डॉ. राजेश्वर कंवर सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री ने आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज पपरोला के शिक्षक संघ के साथ भी बैठक की और आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर भी सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. माणिक सोनी ने स्वास्थ्य मंत्री को विभिन्न मांगों से अवगत कराया।
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