तालिबान के खिलाफ अमेरिका उठा सकता है ये बड़ा कदम, क्या पंजशीर को सुरक्षित क्षेत्र के रूप में मिलेगी मान्यता
काबुल एयरपोर्ट के समीप बम धमाकों के बाद अमेरिका में पंजशीर को एक सुरक्षित क्षेत्र के रूप में मान्यता देने की मांग तेजी से उठी है। अमेरिकी सीनेटरों की ओर से यह मांग तब उठ रही है, जब तालिबान और पंजशीर लड़कों के बीच लड़ाई तेज हो गई है। अगर ऐसा हुआ तो अफगानिस्तान में सत्ता संघर्ष के दो केंद्र होंगे। दूसरे, पंजशीर लड़ाकों को यदि अमेरिका का समर्थन हासिल हो जाता है तो तालिबान को एक बड़ी चुनौती मिलेगी। पंजशीर की मान्यता के क्या होंगे निहितार्थ। तालिबान के समक्ष क्या होगी बड़ी चुनौती।
अफगानिस्तान में हो सकते हैं सत्ता के दो केंद्र
प्रो. हर्ष पंत ने कहा कि अफगानिस्तान में जो हालात हैं, उसमें अमेरिका पंजशीर को मान्यता दे सकता है। अगर अमेरिका ऐसा करता है तो अफगानिस्तान में सत्ता में दो केंद्र बन सकते हैं। इससे तालिबान को अफगानिस्तान में पंजशीर से बड़ी चुनौती मिल सकती है। उन्होंने कहा कि काबुल में अमेरिकी सैनिक पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है और तालिबान ने 31 अगस्त की डेडलाइन घोषित कर रखी है, ऐसे में अमेरिकी प्रशासन पर पंजशीर को सुरक्षित स्थान देने की मान्यता का दबाव बन सकता है। उधर, पंजशीर को सुरक्षित क्षेत्र के रूप में मान्यता देने की मांग अमेरिकी सीनेट में भी उठने लगी है। कुछ सीनेटरों का कहना है कि अमेरिका को रेजिस्टेंस फोर्स के कुछ नेताओं को भी मान्यता देनी चाहिए।
पंजशीर भविष्य में बन सकता है अमेरिकी सेना का अड्डा
उन्होंने जोर देकर कहा कि पंजशीर भविष्य में अमेरिकी सेना का दूसरा अड्डा बना सकता है। प्रो पंत ने कहा कि अफगानिस्तान में जिस तरह से अन्य आतंकवादी संगठन तेजी से सक्रिय हो गए हैं, ऐसे में अफगानिस्तान से पूरी तरह से अमेरिकी सैनिकों की वापसी एक संदेश पैदा करती है। इसलिए इस घारणा को बल मिलता है कि अमेरिका पंजशीर को एक सुरक्षित स्थल के रूप में मान्यता दे सकता है। उन्होंने कहा दूसरे अफगानिस्तान में रूस और चीन की दिलचस्पी के बाद इसकी संभावना ज्यादा प्रबल हो गई है।
तालिबान का पंजशीर में दाखिल होने का दावा
तालिबान ने पंजशीर में दाखिल होने का दावा किया है। तालिबान के सांस्कृतिक आयोग के सदस्य अनामुल्ला समांगानी ने कहा कि इस्लामिक अमीरात की सेना ने शनिवार को बिना खून-खराबे के पंजशीर में प्रवेश कर लिया है। इस दौरान विरोधी पक्ष से उनकी कोई लड़ाई नहीं हुई। हालांकि, समांगानी ने कहा कि पंजशीर लड़ाकों के साथ बातचीत के लिए दरवाजे अभी खुले हैं। उधर, पंजशीर के लड़ाकों ने तालिबान के इन दावों को पूरी तरह से बेबुनियाद और खोखला बताया है। नॉर्दर्न अलायंस के प्रमुख अहमद मसूद के समर्थकों ने तालिबान के दावों को खारिज किया है। पंजशीर के पहाड़ों पर रेजिस्टेंस फोर्स ने मोर्चा संभाल रखा है। रेजिस्टेंस फोर्स ने कहा है कि तालिबान दिन में सपने देखना कम करे। उन्होंने कहा कि तालिबान का पंजशीर में घुसना नामुमकिन है।