अयोध्या पहुंचे राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द, रामायण कान्क्लेव का किया शुभारंभ

राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की उत्तर प्रदेश की चार दिवसीय यात्रा का आज आखिरी दिन है। वह रविवार को पौराणिक रामनगरी अयोध्या की यात्रा पर हैं। वह लखनऊ से प्रेसीडेंशियल स्पेशल ट्रेन से अयोध्या पहुंचे। इस दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और सीएम योगी आदित्यनाथ ने उनकी अगवानी की। उनके रामनगरी में प्रथम आगमन को ऐतिहासिक बनाने की पूरी तैयारी की गई है। अयोध्या में राष्ट्रपति का भव्य स्वागत आठ मंचों से किया गया। यह पहली बार है, जब कोई राष्ट्रपति रामलला का दर्शन करने के लिए आए हैं, वह भी ऐसे समय में जब सुप्रीम फैसले के बाद भव्य मंदिर निर्माण के साथ रामनगरी और रामलला का खोया वैभव वापस लौट रहा है। राष्ट्रपति रामलला का दर्शन करने के साथ राम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया की ओर भी गौर करेंगे, जिस ओर देश ही नहीं दुनिया के रामभक्तों की निगाह है।

रामनगरी अयोध्या में यूं तो प्रति वर्ष एक करोड़ से अधिक श्रद्धालु आते हैं और इनमें सामान्य जन से लेकर विभिन्न क्षेत्रों के दिग्गज होते हैं, पर यह दूसरी बार है, जब कोई राष्ट्रपति अयोध्या आए हैं। वर्ष 1983 में तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह भी अयोध्या आए थे, जबकि वर्तमान राष्ट्रपति की यात्रा श्रीराम और रामनगरी की अस्मिता को राष्ट्र की अस्मिता से जोड़ कर देखी जा रही है। राष्ट्रपति के दर्शन के समय रामलला गुलाबी रंग की नई पोशाक में होंगे। रामलला का दर्शन-पूजन करने के बाद राष्ट्रपति रुद्राक्ष का पौधा रोपित करेंगे।

अयोध्या में रामायण कान्क्लेव के शुभारंभ के बाद राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि रामायण एक ऐसा विलक्षण ग्रंथ है जो राम कथा के माध्यम से विश्व समुदाय के समक्ष मानव जीवन के उच्च आदर्शों और मर्यादा को प्रस्तुत करता है। मुझे विश्वास है कि रामायण के प्रचार-प्रसार के लिए यूपी सरकार का यह प्रयास पूरी मानवता के हित में बहुत महत्वपूर्ण सिद्ध होगा।

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