हाकी खिलाड़ी वरुण का चंबा के छोटे से गांव से ओलिंपिक में मेडल तक का सफर

जब टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय हाकी टीम ने जर्मनी को हराकर कांस्य पदक जीता तो हिमाचल के चंबा जिला में भी खुशियां मनाई गईं, विजेता हाकी टीम में यहां के वरुण कुमार भी शामिल थे। 41 साल बाद ओलिंपिक में मिली सफलता में उनका भी बड़ा योगदान रहा। वरुण ने ओलिंपिक में मिले अनुभव को अजय अत्री के साथ साझा किया। प्रस्तुत हैं मुख्य अंश..

पहले आपको बहुत कम लोग जानते थे लेकिन अब पूरा देश पहचानता है। कैसा महसूस हो रहा है।

बहुत अच्छा। सच मानिए! अब भी यह एक स्वप्न जैसा लगता है। बहुत मेहनत की थी हम सबने। कठोर परिश्रम के बाद मिली सफलता बहुत सुकून देती है। देशवासियों का बहुत प्यार मिल रहा है।

टोक्यो में आस्ट्रेलिया से मिली हार के बाद ऐसा क्या हुआ जो एकदम से हाकी टीम का प्रदर्शन शिखर पर पहुंच गया।

बेशक आस्ट्रेलिया से मिली हार ने अंदर तक हिला दिया था। लेकिन मनप्रीत ने टीम में हौसला भरा और कहा कि अब कुछ कर दिखाना है। फिर क्या था टीम के हरेक सदस्य ने ठान लिया कि अभी नहीं तो कभी नहीं।

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